साधु वासवानी स्कूल में उत्साह, उमंग एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जन्माष्टमी का पावन पर्व

साधु वासवानी स्कूल में आज जन्माष्टमी का पावन पर्व बड़े उत्साह, उमंग एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्रीकृष्ण, संतजी, भारत माता एवं सरस्वती जी की मूर्ति पर माल्र्यापण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। विष्णु गेहानी ने आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए एवं जन्माष्टमी पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कर्म पर आधारित था, आज के पावन पर्व पर मैं श्रीकृष्ण को नमन करता हूं। गीता में श्रीकृष्ण भगवान ने कहा है कि कर्म करें परंतु फल की इच्छा न करें, क्योंकि कर्म का फल हमें किसी न किसी रुप में अवष्य मिलता है, श्रीकृष्ण और श्रीराम में यही विषेषता थी कि वे कभी नहीं कहते थे कि हम भगवान है, सरल स्वाभव के श्रीराम ने नारी रक्षा की तो श्रीकृष्ण ने धर्म की रक्षा की और अधर्म का नाष किया।

कार्यक्रम में उपस्थित गुलाब जेठानी उपस्थित ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की सभी को हार्दिक बधाईयां देते हुए कहा कि आज जो बच्चे कृष्ण भगवान बनें है उन बच्चों में भी भगवान का ही वास है, श्री कृष्ण स्वरुप में यह बच्चे बहुत ही सुंदर लग रहे हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर वासदेव वाधवानी ने भगवान श्री कृष्ण के अवतार को विस्तृत रुप से बताते हुए कहा कि श्रीकृष्ण का जन्म जेल में हुआ था कंस अपनी बहन देवकी से बहुत प्यार करता था देवकी की विदाई के समय एक भविष्यवाणी हुई थी कि हे कंस देवकी का आठवीं संतान ही तुम्हारा वद्य करेगी यह सुनकर कंस के होष उड़ गए और उसने देवकी के सात संतानों को बार-बारी से मार दिया और आठवीं संतान के रुप श्रीकृष्ण का जन्म हुआ और श्रीकृष्ण ने ही कंस का वद्य किया।
सिंधी सेंट्रल पंचायत के महासचिव सुरेश जसवानी ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर अपने विचार रखते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन कर्म पर आधारित था उनके जैसा सार्मथ्य किसी देवता में नहीं है यदि भगवान श्रीकृष्ण नहीं होते तो महाभारत का युद्ध भी नहीं होता, सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
पत्रकार विवेक शर्मा ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर अपने विचार रखें एवं बताया कि जहां पूरा देश आज तिरंगा यात्रा निकाल रहा है वहां साधु वासवानी विद्यालय श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मना रहा हैं इस तिरंगा यात्रा में सभी को श्रीकृष्ण जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
इस अवसर पर सिंधी साहित्य अकादमी के पूर्व निदेषक कमल प्रेमचंदानी उपस्थित हुए उन्होंने सभी को कृष्ण कन्हैयालाल के जयकारों के साथ जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक बधाईयां देते हुए बताया कि आज बच्चे कृष्ण व राधा के स्वरुप में बहुत ही सुंदर लग रहे हैं, इस विद्यालय के विद्यार्थी व षिक्षक बहुत ही मेहनती व कर्मयोगी है, इस विद्यालय में शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को हर पर्व के महत्व के बारे में समझाया जाता है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर नंद दादलानी ने सभी को हार्दिक बधाईयां दी।
कार्यक्रम में मप्र सिंधी साहित्य अकादमी के डायरेक्टर राजेश वाधवानी ने बताया कि यह मेरा जीवन का सबसे अनूठा पहल है जब मैं नन्हें-मुन्हें बच्चों को कृष्ण स्वरुप में देख रहा हूं हमारी संस्कृति एवं धर्म के प्रति आपकी जिज्ञासा को देखकर मैं नतमस्तक हूं आप सभी धन्यवाद के पात्र हैं सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
महान शिक्षाविद् भोज विष्व विद्यालय के कुलपति रत्न सूर्यवंषी ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि हीरो से भी अनमोल प्यारे बच्चों को कृष्ण स्वरुप में प्रकट होते देखकर बहुत ही आनंद महसूस हो रहा है इस स्वरुप में सभी बच्चे बहुत ही सुंदर व सजल प्रतीत हो रहे हैं।
संस्कार स्कूल के सचिव बसंत चेलानी जी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि जब-जब अधर्म बढ़ता है, तब कोई न कोई अवतार अवष्य जन्म लेता है, आज देष की स्थिति में चारों ओर आतंक का माहौल है यहां भी ईष्वर के अवतार की जरुरत है और हमें विष्वास है कि उनके विनाष के लिए भी कोई न कोई अवतार अवष्य अवतरित होगा।
जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हैप्पी ग्रुप से दिनेश वाधवानी, भरत धनवानी, राजा ईसरानी, मनोज जनयानी, सुनील पंजवानी, सुरेष पेसवानी, भरत जनयानी, भगवान बाबानी, परमानंद बलवानी उपस्थित हुए उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी विद्यार्थियों को चाॅकलेट बांटकर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया।
जन्माष्टमी के अवसर पर विद्यालय में विद्यार्थी कृष्ण व राधा का स्वरुप धारण कर पूरे वातावरण को वृदांवन धाम बना दिया, ऐसा लग रहा था जैसे श्रीकृष्ण भगवान हमारे समक्ष प्रकट हुए हैं। कृष्ण भगवान की लीलाओं को सांस्कृतिक नृत्य के रुप में देखकर अतिथियों द्वारा बहुत ही सराहा गया।
कार्यक्रम में प्राचार्या श्रीमती सुतापा जाॅयसवाल, उप प्राचार्या श्रीमती स्वाति कलवानी, श्रीमती दीपा आहूजा आदि बड़ी संख्या में शिक्षक, शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
मंच संचालन श्रीमती भावना कलवानी द्वारा किया गया।